Wednesday, 28 September 2011

Mat ja mat ja Mathura.......(gopi bhaav when Lord is leaving Vrindavan...)

ओ रे कन्हैय्या पडू तोरे पैय्या
मत जा मत जा मत जा मथुरा
कुंजन की गलियों मै दौड़ लगाये
चोरी चोरी माखन को अब कौन खाए
घेर घेर लायेगा कौन तेरी गैय्या
ओ रे ...

विरह का दुःख गोपी कैसे सहेंगी
तेरी राधारानी अब कैसे जियेगी
रो रो के मर जाएगी तेरी मैय्या
ओ रे ...

गोपी विराहने का अब कौन सहारा
जपति रहेंगी हम नाम तुम्हारा
रोम रोम बस जाओ दाउजी के भैय्या
ओ रे कन्हैय्या पडू तोरे पैय्या
मत जा मत जा मत जा मथुरा .....

Friday, 16 September 2011

रात सखी सपने में आये नंदलाल, और थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल.......राधे राधे

रात सखी सपने में आये नंदलाल

हाँ रात सखी सपने में आये नंदलाल

और थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल

हां थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल


लाज की है बात हाथ गात सो लगात

खेंच फ़रिया मोरी बारी सी उमरिया थरा थरा गयी

तान के बजाई बैन नैन सो मिलाये नैन

मुख सो कछु कहूँ कछु निक से हरबरा गयी

मै तो बहुत बरजी पर मान्यो ना गोपाल

हाँ थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल


पंथ को निवास आस पास थास नन्द सांस

नींद में रही मै रात बात श्याम मान जा

चीर भयो चीर मन अधीर नहीं भरे धीर

बात है गंभीर मत सता ए श्याम मान जा

श्याम तेरी प्रीत बनी जान को जंजाल

हाँ थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल



रंग भदरंग नहीं सखी को संग

कियो खूब मोहे तंग आज मै तो घबरा गयी

भोर मचो शोर मिले बोल रहे मोर जोर जोर

सब ओर देख मै तो लाज शरमा गयी

लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल

और लालहिं देखन मै चली मै भी हो गयी लाल

भेद सब बताने लगी अंखिया लाल लाल

हाँ थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल


रात सखी सपने में आये नंदलाल

और थाम के कलाई मेरी कर दियो कमाल....

राधे राधे श्याम श्याम


ख्वाबो में आते हो सांवरे, रूबरू कब आओगे कहो

पीर इस जिगर की प्यारे, आकर कब मिटाओगे कहो

देर तो अब खूब हो गयी, वादा कब निभाओगे कहो

तेरे प्रेम के इस प्यासे पर. प्रेम कब बरसाओगे कहो

(शायरी - कृपाकांक्षी)

तेरे इन्तेजार में पलके बिछी है रे...

आ कि तेरे दरस कि आस बंधी है रे...

मेरे श्याम....मेरे प्यारे....तुझसे
राधे राधे श्याम श्याम