Wednesday 28 September 2011

Mat ja mat ja Mathura.......(gopi bhaav when Lord is leaving Vrindavan...)

ओ रे कन्हैय्या पडू तोरे पैय्या
मत जा मत जा मत जा मथुरा
कुंजन की गलियों मै दौड़ लगाये
चोरी चोरी माखन को अब कौन खाए
घेर घेर लायेगा कौन तेरी गैय्या
ओ रे ...

विरह का दुःख गोपी कैसे सहेंगी
तेरी राधारानी अब कैसे जियेगी
रो रो के मर जाएगी तेरी मैय्या
ओ रे ...

गोपी विराहने का अब कौन सहारा
जपति रहेंगी हम नाम तुम्हारा
रोम रोम बस जाओ दाउजी के भैय्या
ओ रे कन्हैय्या पडू तोरे पैय्या
मत जा मत जा मत जा मथुरा .....

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